आखिर क्यों एक बेटी ने कराया अपने ही पिता को स्तनपान

यह पढ़कर आपके अंदर की एक रोष जागा होगा कि क्यूँ आखिर एक पिता और उसकी बेटी ने अपने रिश्ते की इस मर्यादा को (daughter breastfeeding father) तार-तार कर दिया. आखिर क्या वजह रही होगी कि समाज में आदर की भाव से देखा जाना वाला ये सम्बन्ध सवालों के घेरे में आ गया है. पहले एक बार इस घटना की पीछे की कहानी जान लीजिये फिर आप खुद ही फैसला कीजियेगा कि जो हुआ वो सही था या उन दोनों के पास इसके आलावा कोई और चारा ही नहीं था.


दरसल ये घटना एक पेंटिंग के माध्यम से लोगों के सामने आयी. युरोप के प्रस्सिध कलाकार बार्तोलोमिओं मुरिलो ने एक पेंटिंग बनायीं थी. जिसमे एक बेटी जंजीरों में जकडे अपने पिता को स्तनपान कराते हुई दिख रही है. आज हम आपको इस पेंटिंग के पीछे की कहानी से रूबरू कराएँगे.

यूरोप के प्रसिद्ध पेंटर बारतोलोमिओ एस्तबेन मुरिलो ने एक ऐसी पेंटिंग बनाई जो मानवीय मूल्यों और नैतिकता को लेकर बहस छेड़ दिया। इस पेंटिंग ने स्पेन और यूरोप में बहस छेड़ दिया कि क्या यह सही है। मुरिलो की इस पेंटिंग में एक बाप और बेटी की छवि है। देख कर शायद आपको यकीन नहीं होगा। लेकिन इस पेंटिंग के पीछे एक कहानी है।




प्राचीन युरोप में एक बूढ़े आदमी को सारी ज़िन्दगी भूखे रखकर जेल में रहने की सजा सुनाई गयी. उस आदमी तक किसी भी प्रकार की खाने की चीज पहुँचाना अपराध था. जो भी व्यक्ति उससे मिलने जाता था उसकी सघन तलाशी ली जाती थी की कही वो कोई खाने की चीज अंदर तो नहीं ले जा रहा. उस व्यक्ति की बेटी से अपने पिता की ये हालत देखी नहीं गयी. एक दिन जब वह अपने पिता से मिलने गयी तो कमजोरी के कारण उसके पिता अपनी आँख तक नहीं खोल पा रहे थे. ऐसे में उसने अपने पिता को अपना स्तनपान कराया. जिससे उसके पिता की हालत में सुधार आने लगा. अब जब भी वो लड़की अपने पिता से मिलने जाती अपने पिता को स्तनपान कराती एक दिन जेल के कर्मियों ने उसे ऐसा करते देख लिया.




इस कृत्य को अपराध मानते हुए उन्हें राजा के सामने पेश किया गया. इस मसले पर जनता भी दो मतों में बंट चुकी थी. पर अंत में मानवीय मूल्यों की जीत हुई और राजा ने दोनों को रिहा कर दिया.

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